कांग्रेस और भाजपा का प्रत्याशी घोषित न होने से चर्चाओं का बाजार गर्म
खबरनामा/ रायबरेली। देश की राजनीति में रायबरेली का यदि जिक्र ना हो तो एक अजूबा लगने वाली बात होगी। अब वह घड़ी आ गई है जब नामांकन का दौर पर्चा खरीदने , समयावधि जारी होने का समय निश्चित हो गया है। अभी बड़ी-बड़ी पार्टियों ने कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य गठबंधन अन्य कुछेक निर्दलीयो को छोड़कर अपने प्रत्याशियों के नामों के पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि बसपा ने अपना प्रत्याशी उतार दिया हैं।
लोकसभा चुनाव रायबरेली में वैसे भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहां शुरुआत से ही धुरंधरों का गढ़ रहा है कुछ धरती पकड भी रहे ।
इस बार रायबरेली गढ़ का प्रत्याशी कौन होगा और उस गढ़ को भेदने की चाणक्य नीति अचूक राजनीति के लिए कौन सा चेहरा सामने आएगा या लाया जाएगा। अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाया है लेकिन अब वह निश्चित होगा। निर्वाचन कार्यालय का सूनापन अब दूर होने का समय आ गया है। प्रशासन ने यहां चुस्त दुरुस्त व्यवस्था एवं नाकेबंदी पूरी कर दी है । चारों ओर बैरिकेडिंग एवं बिना परिचय पत्र के किसी के आवागमन पर भी रोक लगा दी जाने वाली है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है एवं संदेह होने पर किसी की भी तलाशी और कार्यवाही की जाएगी। इसी कारण से यह परिसर अब विशेष जोन के रूप में बदल दिया गया है पूरे नामांकन एवं चुनाव काल में । लोकसभा का चुनाव राजनैतिक घमासान का चुनाव है । एक एक मत पडने और जिले में मतदान की स्थिति औसतन और प्रतिशतन बढ़ाने का दायित्व इस बार सभी को बराबर रूप से चाहे वह आम नागरिक हो यह विशेष नागरिक मतदाता जागरूकता जन जागरण का कार्य निरंतर चला। प्रतिदिन मतदाता जागरूकता कार्यक्रम स्कूलों में भी बच्चों के द्वारा आयोजित किए जाते हैं लोगों को मत डालने के लिए और अधिक से अधिक मत डालकर जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी जागरूक किया जाता है । लेकिन देर बस इस बात की है कि प्रत्याशी कौन होगा किस पार्टी का होगा अब इस पर से भी जल्द ही पर्दा उठ जाएगा। नामांकन के शुरू हो जाने के बाद गठबंधन समर्थन की बात बढ़ेगी इन सभी सुर्खियों से रोज के रोज दिलचस्प चुनाव की स्थिति उत्पन्न होती है जिसमें मतदाता की भी जमकर भागीदारी होती है होटल चौराहे पान की गुमटियों में भी राजनीतिक चर्चाएं अब जोर शोर से होने लगी हैं।